सेकंड हैंड कार ख़रीदे या फिर न्यू कार जानिए कौन सी कार खरीदने में फायदा है। second hand vs new car

second hand vs new car हिंदी में – इसी टॉपिक पर आज हम बात करने वाले हैं और बतायेंगे की आपको कौन सी car खरीदनी चाहिए । डिटेल में जानेंगे की अगर आप सेकंड हैंड car खरीदते हो तो उसका आपको क्या फायदा और क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। तो दोस्तों इस लेख को लास्ट तक जरूर पढ़े तभी आपको सब समझ में आएगा।

सबसे पहले बात करते हैं कि आपको कौन सी कार खरीदनी चाहिए नई कार या फिर second hand कार। देखो भाई अगर आपके पास इतना पैसा पड़ा हुआ है कि आप एक नई कार को on कैश देकर खरीद सकते हो।  तो आपको लिए नई कार खरीदना ही बेहतर रहेगा। वहीं अगर आपकी प्लानिंग है कि आपको नई car खरीदनी है लेकिन उसका डाउन पेमेंट करके बाकी किस्तों और EMI पर लेना है। तो यहाँ पर आपके पास second hand कार खरीदने का एक option हैं। आप एक सेकंड हैंड कार खरीद सकते हो जहां आपको एक नयी car के लिए 20% डाउन पेमेंट करके बाकी किस्तों पर लेना है उससे बढ़िया आप एक सेकंड हैंड कार फुल on कैश में उठा सकते हो।

second hand vs new car

एक इंटरेस्टिंग बात आपको बताता हूं अगर आप एक नई पेट्रोल और डीजल कार aaj के समय मे down-payment करके बाकी किस्तों और ईएमआई पर खरीदते हो तो आने वाले 4 से 5 सालो तक उसकी emi किस्तों को ही pay करोगे उस time तक india मे 60 से 70 % auto market electric vehicles cover कर लेगा तो उस time पर आपकी car की value कुछ भी नहीं रहेगी। 

second hand कार खरीदने में फायदा है

आज के टाइम में मेरे हिसाब से पेट्रोल और डीजल एक नई कार ख़रीदना फायदा का सौदा नहीं रहेगा इससे बढ़िया तो आप सेकंड हैंड कार ही खरीदे या फिर अगर आपको नई कार ही खरीदनी है तो आप इलेक्ट्रिक कार के साथ जा सकते हैं । यह भी आपके लिए best option रहेगा। तो अब बात करते हैं कि अगर आपको एक सेकंड hand car ही खरीदनी है तो वह कौन-कौन से चेक पॉइंट है जिनको आपको जरुर चेक करना चाहिए।

सेकेंड हैंड कार चेक पॉइंट, खरीदने से पहले जरूर चेक करे

  • जब भी आप कोई सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने जाओ तो सबसे पहले आपको उसकी कंडीशन चेक करनी है उसका इंटीरियर एक्सटीरियर well maintain होना चाहिए हाँ अगर हल्का स्ट्रेच या छोटा मोटा कोई इशू है तो उसको आप मार्किट से सही करवा सकते हो।
  • गाड़ी का accident नहीं हुआ होना चाहिये अगर गाड़ी का कोई मेजर एक्सीडेंट हो रखा है । तो आपको वो गाड़ी बिल्कुल नहीं लेनी चाहिये।
  • आपको चेक करना है कि इंजन कितना किलोमीटर चला है अगर गाड़ी का इंजन 50k किलोमीटर तक चली हो आप उसको खरीद सकते हो भले ही वह car कितने साल पुरानी हो मतलब 5 से 10 साल पुरानी भी है तो कोई issue नहीं। 
  • ज्यादातर लोग जब सेकंड हैंड car खरीदने हैं तो वह लोग गाड़ी की age देखकर खरीदने हैं लेकिन कई बार ऐसा होता है की जो मालिक होता है। वह गाड़ी का use नहीं कर पाते हैं कई सालों तक गाड़ी ऐसी खड़ी रहती है या फिर लोग बहुत कम ही उसका use करते हैं । तो यहां पर गाड़ी कितने साल पुरानी है यह ज्यादा मैटर नहीं करता है।
  • मैटर करता है की गाड़ी कितने हजार किलोमीटर तक चली हुई है क्योंकि अगर ज्यादा गाड़ी चली हुई होगी तो उसके पास ज्यादा part वेयर हो चुके होंगे तो अगर आप ऐसी गाड़ी लेंगे तो आपको उसे पर और खर्चा लगाना पड़ेगा । इसलिए हमेशा सेकंड हैंड कर खरीदते समय आपको जयदा से जयदा 50 हजार किलोमीटर चली हुई गाड़ी ही लेनी चाहिए ।
  • इसके बाद आपको गाड़ी की टेस्ट ड्राइव लेनी चाहिए टेस्ट ड्राइव लेते समय आपको अलग-अलग स्पीड पर गाड़ी को कम से कम आधे घंटे चलना चाहिए आपको चेक करना चाहिए गाड़ी का पिकअप कैसा है गाड़ी का इंजन, गियर बॉक्स ओर क्लच से कोई एब्नार्मल साउंड तो नहीं आ रही है ।
  • अगर आपको गाड़ी के बारे में ज्यादा नॉलेज नहीं है तो आप अपने किसी जान पहचान वाले मैकेनिक को अपने साथ लेकर जा सकते हो उसे टेस्ट ड्राइव लेने को कह सकते हो।

डॉक्युमनेट जरूर चेक करें

अगला जो चेकिंग पॉइंट है वह है आपको गाड़ी के सभी डॉक्यूमेंट चेक करने हैं। आपने गाड़ी की कंडीशन चेक कर लिया आपने गाड़ी के डॉक्यूमेंट चेक कर लिए आपको गाड़ी पसंद आ चुकी है अब बात आती है कीमत की। अब अगर आपको ऐसी कार मिल जाती है जो 50000 किलोमीटर चली है तो उसे गाड़ी की कीमत current प्राइस के हिसाब से 2 से 6 लाख कम से कम होना चाहिए तभी आपको वह गाड़ी खरीदनी चाहिए। 

 लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप कौन सी ब्रांड की गाड़ी ले रहे हो और कौन सा मॉडल ले रहे हो कुछ cars की मार्केट में काफी ज्यादा डिमांड रहती है तो इसकी वजह से उनकी रेसलिंग वैल्यू भी ज्यादा होती है । इस बारे में आपको खुद ही रिसर्च करनी चाहिए आपको अलग-अलग जगह पर उस कार के प्राइस पता करना चाहिए | इसके अलावा एक और क्वेश्चन होता है कि आपको कहां से कार खरीदनी चाहिए।

कहाँ से ख़रीदे second hand कार

  • अगर आपका कोई नोन पर्सन है जिसको आप जानते हो वो कार बेच रहा है तो यह आपके लिए बेस्ट ऑप्शन रहेगा।
  • इसके अलावा आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर जैसे ओएलएक्स आदि पर भी गाड़ियों को देख सकते और डायरेक्ट ऑनर से बात करके कार को खरीद सकते हो यहां पर आप पर निर्भर करता है कि आप कितना नेगोशिएट कर सकते हो।
  • इसके अलावा आपको लोकल मार्केट में भी काफी सारे सेकंड हैंड कार डीलर मिल जाएंगे वहां से भी आप second hand खरीद सकते हो लेकिन जो डीलर होते हैं उनका अपना कमीशन भी निकलना होता है तो यहां से आपको थोड़ी बहुत महंगी पड़ सकती है।

सेकेंड हैंड कार खरीदने के फायदे और नुकशान

  • सेकेंड हैंड कार की कीमत– जब भी कोई एक सेकंड हैंड कर खरीदने की सोचता है तो लोगों का मुख्य उद्देश्य या पैसे बचाना होता है क्योंकि सेकंड हैंड कार आपको फर्स्ट एंड कार के मुकाबले 20 से 40% सस्ती पड़ती है । अगर आप फर्स्ट हैंड कार 10 लाख की खरीदने हो वही कार आपको सेकंड हैंड वाली 40 से 50000 किलोमीटर चली हुई 5 से 8 लाख में पड़ जाती है । तो इसमें आपको पैसे की बचत हो जाती है ।
  • दूसरा फायदा कि आपको आरटीओ का खर्चा बच जाता है जब भी आप किसी गाड़ी को नहीं खरीदते हो तो उसमें आपको नंबर रजिस्ट्रेशन करने के लिए आरटीओ में कुछ पैसा लगता है वह आपका सेकंड हैंड कार खरीदने में बच जाता है । गाड़ी के डॉक्यूमेंट ट्रांसफर करने में आपको थोड़ा बहुत खर्चा लगता है । आप इस कार को अगले 3rd बंदे को लगभग same प्राइस में बेच सकते हो।
  • सेकेंड हैंड कार का इंश्योरेंस सस्ता पड़ता है नई कार के मुकाबले सेकंड हैंड कार के लिए आप थर्ड पार्टी या सेकंड पार्टी इंश्योरेंस बनवाना पड़ता है जो कि आपको सस्ता पड़ता है ।
  • अगर आप अभी नये driver हो आपको driving का experience नहीं है तो आपके लिए secound hand car best रहेगा, आप अपनी driving skill को improve कर सकते हो यह है सेकंड हैंड कार लेने के फायदे 

सेकेंड हैंड कार के नुकसान

  • सेकेंड हैंड कार लेने का सबसे बड़ा नुकसान यह हो सकता है कि आपको कई प्रकार के दिक्कत झेलनी पड़ सकती है। लेकिन अगर आप 50000km तक चली हुई गाड़ी लेते हो और किसी अच्छे ब्रांड से जैसे टाटा, महिंद्रा, टोयोटा इनकी गाड़ियां लेते हो तो इनमे आपको क्या आपको ज्यादा दिक्कतें नहीं आती है यह आराम से दो-तीन लाख किलोमीटर बिना किसी दिक्कत के चल जाती है। अगर आप टाइम पर सर्विस करते हो और अच्छे से गाड़ी को वेल मेंटेन रखते हो । इनकी running life अच्छी होती है तो इस बात का आपको ध्यान रखना है कि जब भी सेकंड हैंड कार ले तो किसी अच्छे brand के कार ही खरीदें।
  • सेकंड हैंड एक बात का हमेशा माइंड में रखे जब आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जिसे ओएलएक्स और भी अन्य जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। उनसे अगर आप गाड़ी देख रहे हो तो आपके साथ फ्रॉड होने के चांसेस बहुत ज्यादा होते हैं मैं आपको बता दूं अगर कोई गाड़ी बहुत कम प्राइस लिखा हुआ है और बहुत अच्छी कंडीशन में और आप उससे बात करोगे।
  •  वह आपको बोलेगा कि आप यह गाड़ी इस लोकेशन पर है आप हमें इतना पैसा भेज दो ताकि आपके लिए हमें गाड़ी बुक कर दे आपको कन्वेंस करेगा आपको अपनी आईडी प्रूफ देगा बोलेगा मैं आर्मी वाला हूं या गाड़ी में इस कारण बेच रहा हूं कि मेरा ट्रांसफर हो रहा है तो आपको इन फ्रॉड के चक्कर में नहीं आना है आपको पहले गाड़ी देखनी है आपको रियल में जाकर पहले गाड़ी को देखना है। उसके बाद डील करनी है।

दोस्तों यह जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में अपना फीडबैक जरूर लिखे।

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