ट्रक नहीं बल्कि टैंक के माफिक था इंडियन आर्मी का शक्तिमान ट्रक shaktiman truck की जानकारी

क्या आप इंडियन आर्मी के  शक्तिमान के बारे में जानते है , जी हाँ में बात कर रहा हूँ शक्तिमान ट्रक के बारे में , चाहे उबड़ खाबड़ सड़क, कीचड़ भरा रास्ता और घने जंगल हो हर जगह चलने में यह ट्रक कैपेबल था। फिर चाहे रासन पानी और दवाइयों को ले जाने की बात हो ,मिलट्री वेपंस, Indian troops और सड़क निर्माण के लिए मटेरियल ले जाने की ही बात क्यों ना हो, शक्तिमान ट्रक ने भारतीय सेना के साथ मिलकर लगभग 50 साल तक देश की  सेवा की है। यह ट्रक नहीं बल्कि चलता फिरता टैंक था। 

शक्तिमान ट्रक इंडियन आर्मी की बैकबोन था

एक समय था जब शक्तिमान ट्रक इंडियन मिलिट्री फोर्स का बैकबोन हुआ करता था 1965 का इंडो पाकिस्तान वॉर, 1971 की जंग और 1999 का कारगिल की लड़ाई इनके अलावा कई सारे मिलिट्री ऑपरेशन में इस ट्रक ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह ट्रक जाना जाता था इसके पावर फुल इंजन, हाई ग्राउंड क्लीयरेंस और एक्सीलेंट ऑफ रोअडिंग कैपेबिलिटीज के लिए।

तो जैसे की इस ट्रक का  नाम शक्तिमान था तो आप सभी लोगो को यही लग रहा होगा की यह ट्रक किसी इंडियन ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा, महिंद्रा या फिर अशोक लेलैंड  ने बनाया होगा। लेकिन दोस्तों यहाँ पर आप  बिलकुल गलत सोच रहे है जी हाँ ,  यह  ट्रक किसी इंडियन कंपनी ने नहीं बल्कि इस ट्रक को जर्मन की man कंपनी ने बनाया था।  man 415 यह इसका एक्चुअल वर्शन था। 

जर्मन के MAN 415 ट्रक से इंडिया का शक्तिमान ट्रक बनने की कहानी

तो man 415 से यह ट्रक शक्तिमान कैसे बना चलिए आगे जानते है। तो सन 1947 में देश आजाद होने के बाद इंडियन मिलिट्री के पास ब्रिटिश आर्मी के कुछ लीलैंड हिप्पो ट्रक्स थे लेकिन ये ट्रक्स भारत की उबर खाबर सड़कों के लिए कैपेबल नहीं थे। तो इंडियन मिलिट्री को पावर फुल बनाने के लिए जरुरत की पावर फुल ट्रकस  और  हथियारों  की, तो उस समय इंडियन ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री इतनी कैपेबल नहीं थी कि वह इंडियन मिलिट्री के लिए पावरफुल गाड़ियां को मैन्युफैक्चर कर सके। गाड़ियों के अलावा भारतीय मिलिट्री को हथियारों की भी जरूरत थी तो इसके लिए सरकार ने अलग से एक फैक्ट्री बनाने का निर्णय लिया।

 सन 1958 में Department of Defence Production के अंडर  व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर की स्थापना की गई Department of Defence Production यह मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेंस का ही एक पार्ट है। तो इस फैक्ट्री को बनाने के उदेस्य था मिलिट्री फोर्सेज के लिए हथियार और  गाड़ियां बनाना। तो बात है भारत की आजादी के 12 साल बाद यानि की सन 1959 यह वही साल है जब शक्तिमान ट्रक जन्म हुआ मतलब  पहली बार इंडिया इसको बनाया गया था ।  Department of Defence Production  ने जर्मन के man 415 ट्रक का लाइसेंस खरीद कर इसकी मैन्युफैक्चरिंग भारत में शुरू की, यहीं से शुरुआत होती है शक्तिमान ट्रक की।

इस ट्रक को इस स्पेशली भारतीय मिलिट्री फोर्सेज के लिए डिजाइन किया गया था समय के साथ इसमें कई सारे चैंजेस और इम्प्रूवमेंट  किए गए, कई अलग वेरिएंट इस ट्रक के बनाये गए इन वेरिएंट में – 

  • 4×4 and 4×2 hard and soft top variants
  • 4000 litre fuel tankers एंड 4000 litre water tankers
  • shelter bodies को कैर्री करने के लिए  theatre communications and sensor systems वाले ट्रक्स शामिल थे
  • 980 में शक्तिमान ट्रक का टिपर वेरेन्ट्स भी बनाया गया था जो की कंस्ट्रक्शन पर्पस के लिए बनाया गया था।
ट्रक नहीं बल्कि टैंक के माफिक था इंडियन आर्मी का शक्तिमान ट्रक shaktiman truck की जानकारी

शक्तिमान ट्रक के इंजन पावर परफॉरमेंस

6 सिलेंडर इन लाइन डीजल डायरेक्ट इंजेक्शन इंजन इस ट्रक में मिलता था यह ट्रक 130 हॉर्स पावर और 350nm  का टॉर्क प्रोड्यूस करता था 5 स्पीड का गियर इस ट्रक मिलता था। सन 1959 से 1996 तक व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर में लगभग 75000 शक्तिमान ट्रक को मैन्युफैक्चर किया गया और लगभग हाफ सेंचुरी तक इन ट्रक्स ने बिना थके हारे देश की सेवा की  लेकिन दोस्तों कोई चीज कितनी भी यूजफुल क्यों ना हो समय हर चीज को बदल देता है। 1990 के दशक के लास्ट तक शक्तिमान ट्रक का रिटायरमेंट का समय आ चुका था।

शक्तिमान ट्रक का रेटाइरमेंट

सन 1996 मे शक्तिमान ट्रक का प्रोडक्शन डिस्कंटीन्यू कर दिया गया था  इसकी जगह ले ली थी अशोक लीलैंड के स्टेलियन और टाटा के Tata LPTA 715 truck ने ये ट्रक्स शक्तिमान ट्रक से ज्यादा एडवांस, कैपेबल, एफिशिएंट और ज्यादा रिलायबल थे।

शक्तिमान ट्रक के 7000 यूनिट  2009 तक इंडियन मिलिट्री फोर्स में एक्टिव थे और देश की सेवा कर रहे थे और आज भी आपको नॉर्थ ईस्ट के कई स्टेट मे शक्तिमान ट्रक देखने को मिल जाएंगे। शक्तिमान ट्रक आज भी एक्सट्रीम ऑफ रोड में हेवी लोड करी करने के लिए यूज़ किए जाते हैं जहां आज के पावरफुल ट्रक भी फेल हो जाते हैं वहां शक्तिमान आज भी अपनी पावर दिखता है। अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मणिपुर जैसे ईस्ट इंडिया के कई सारे राज्यों में जहां आज भी कच्ची सड़क या फिर सड़के ही नहीं है वहां  आज भी जंगलों से लकड़ी ढोने और मटेरियल ट्रांसपोर्ट करने के लिए  शक्तिमान ट्रक का आज भी उपयोग किया जाता है।

  • References : Deferent Online Sources
  • Image Source : Team BHP, AI Generated (Image Used Only Information Purpose )

रिलेटेड आर्टिकल इन्हे जरूर पढ़े :

Leave a Comment

अगस्त 2024 में लांच हो रही ये 7 माफिया कार, टाटा से लेकर लेम्बोर्गिनी TVS ने लांच की जबरदस्त तूफानी बाइक, रॉयल एनफील्ड बुलेट कुछ नहीं है इसके सामने लोगो की पसंदीदा top 5 SUV कार इन इंडिया 2024 – कीमत under 20 लाख बाइक के इंजन के लिए सही इंजन आयल ग्रेड चुनना है जरुरी जानिए कौन सा ग्रेड है आपकी बाइक के लिए कबाड़ा कार 2024 की, भूलकर भी ना ख़रीदे ये कार flop cars in india टॉप 5 list