इंडिया दुनिया में 4th नंबर पर आता है हाईएस्ट व्हीकल प्रोडक्शन में और 3rd नंबर पर आता है हाईएस्ट सेल्स के मामले में, लेकिन क्या आपको पता है की इंडिया में कितने परसेंट लोगो के पास अपनी कार है। यह डाटा जानकर आप लिट्रली चौंक जाओंगे जी हाँ इंडिया में केवल 8% लोग है जिनके पास अपनी कार है और 92 % इंडियन ऐसे है जिनके पास अपनी कार नहीं है। तो अगर आपके पास अपनी कार है तो congratulation आप इंडिया के उन 8 % लोगो में आते है जिनके पास अपनी कार है।
खेर मुद्दे की बात करते है। तो पापुलेशन के हिसाब से देखा जाय तो 1000 लोगो पर 34 कार आती है। वंही इस डाटा को USA से कम्पायर करे तो usa का डाटा इंडिया के opposite है अमेरिका में 92 % लोगो के पास उनकी अपनी कार है केवल 8 % लोग है जिनके पास अपनी कार नहीं है। पापुलेशन के हिसाब से अमेरिका में हजार लोगो पर 860 कार’स आती है। ऐसे ही जापान में 80%, uk में 77 %, जर्मन में 58% और चाइना में 30% लोगो के पास अपनी कार है।
तो ऐसा क्यों है ? इंडिया में केवल 8 % लोगो के पास ही अपनी कार है। जबकि इंडिया वर्ल्ड के टॉप ग्रोइंग ऑटो सेक्टर में आता है और इंडिया गाड़ियां बनाने के मामले में ग्लोबल 4th position पर आता है। तो अब सवाल आता है आखिर इंडिया में car ownership rate इतना कम क्यों है अन्य developed कंट्री के मुकाबले।
इस आर्टिकल के अंदर हम वो सारे कारण जनिंगे जिनकी वजह से इंडिया में car ownership rate इतना कम है। और साथ में बात करिंगे क्या कभी अमेरिका की तरह 92% इंडियन का भी कार लेने का सपना पूरा होगा या नहीं। चलिए जानते है।
तो पिछले 40 सालो का डाटा देखा जाय तो इंडिया में 4 व्हीलर के मुकाबले 2 व्हीलर रजिस्ट्रेशन का ग्राफ काफी तेजी से बड़ा है और इसी कारण two व्हीलर uses के मामले मे इंडिया वर्ल्ड में 1st पोजीशन पर आता है। इस डाटा से पता चलता है की इंडियन को जरुरत तो है लेकिन फोर व्हीलर की नहीं बल्कि two व्हीलर की क्यूंकि two व्हीलर सस्ते होते है low कॉस्ट मेंटेनेंस और हाई फ्यूल efficient होते है। और यही है पहला कारण इंडिया में कार ओवरशिप रेट कम होने का।
गाड़ियों पर हाई टैक्स
इंडिया में कार खरीदना लोगो का एक सपना होता है। इंडिया में किसी के पास कार होना मतलब वह अच्छा पैसे कमाता है एक रिच फेमिली से है मतलब कुल मिला जुलाकर कार होना एक स्टेटस का सिम्बल भी होता है ज़्यदातर लोगो के लिए क्यूंकि इंडिया में कार इतनी सस्ती नहीं मिलती है की हर कोई खरीद सके।
और यही सबसे बड़ा कारण है की इंडिया में एक आम आदमी या मिडिल क्लास पर्सन भी एक कार को नहीं खरीद पता है। अब कार महंगी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है हाई टैक्सेशन, इंडिया में डेवेलोप कंट्री के मुकाबले गाड़ियों पर सबसे जयदा टैक्स लगाया जाता है। इंडिया में गाड़ियों पर मिनिमम 5 % से लेकर 50 % तक टैक्स लगता है। इसमें 5 % इलेक्ट्रिक व्हीकल पर जो की सबसे मिनिमम है , 12 % हाइड्रोजन फ्यूल वाली गाड़ियां पर और इसके बाद 28 % से लेकर 50 % तक टैक्स बाकि सभी प्रकार की गाड़ियों पर लगाया जाता है चाहे वो two व्हीलर, थ्री व्हीलर या फिर फॉर व्हीलर हो।
एक example की मदद से समझने की कोसिस करते है की इंडिया की सबसे सस्ती कार जो आज के समय में मारुती सुजुकी आल्टो k10 है उसपर govt कितना टैक्स लेती है। तो मारुती सुजुकी आल्टो k10 बेस मॉडल की कीमत है विथाउट GST लगभग 3 लाख 9 हजार 301 रूपए है। लेकिन इसमें 29% GST or cess टैक्स include करने के बाद इसका एक्सशो रूम प्राइस हो जाता है 3 लाख 99 हजार रूपए। यानि की 89 हजार 699 रूपए केवल GST देना पड़ता है। और इसके बाद RTO, इन्शुरन्स और भी कई टैक्स लगने के बाद आपको आल्टो k10 ऑन रोड लगभग 4 लाख 34 हजार रूपए तक पड़ती है।
यानि की 3 लाख की कार पर आपको 1 लाख 24 हजार रूपए तक का टैक्स देना होता है। यह एक एस्टीमेट कैलकुलेशन है क्यूंकि RTO फीस अलग अलग स्टेट वाइज कम और ज़्यदा भी हो सकती है। तो इंडिया में एक एंट्री लेवल कार पर भी इतना हाई टैक्स में देना पड़ता है इसके अलावा कार की लेंथ, इंजन स्पेसिफिकेशन के हिसाब से भी इंडिया में अलग अलग टैक्स रेट है यह हाई 50 % तक जाता है यह टैक्स उन सभी गाड़ियों के लिए है जो 4 मीटर से ज़्यदा लम्बी होगी, जिनमे 1.5 लीटर से बड़ा इंजन और जिनमे 170 mm से ज़्यदा ग्राउंड क्लीयरेंस होगा जैसे की टोयोटा fortuner।
वंही अगर बात करे usa की जहाँ 92 % तक कार ओनरशिप रेट है तो USA में केवल 3 से 8 % state sales tax लगता है। जो इंडिया के मुकाबले काफी कम है। Others european country में भी गाड़ियों पर 17 से 27 % टैक्स लगता जो की इंडिया से फिर भी नार्मल है। और चाइना में भी 1 से 40 % टैक्स लगता है यह भी इंडिया से कम ही है।
इंडिया में कार खरीदने पर GST, CESS, TCS और RTO के बाद भी आपको टोल टैक्स, पेट्रोल डीजल का खर्चा और गाड़ी की सर्विस और मेन्टेन्स के लिए भी आपकी जेब हमेशा भरी होनी चाहिए तभी आप एक फॉर व्हीलर को इंडिया में चला पाओगे। तो टैक्स के नाम पर इंडियन govt आम आदमी को खूब लूट रही है। हाई टैक्स रेट होने के कारण ज़्यदातर इंडियन का कार खरीदने का ड्रीम कभी पूरा नहीं हो पता है। और यही बात मारुती सुजुकी इंडिया के चैयरमेन R C Bhargava ने भी कही।
तो क्या इस बात से आप भी एग्री करते हो नीचे कमेंट बॉक्स में अपना ओपिनियन भी जरूर लिखे। चलिए बात करते है अगले कारणों की।
लिमिटेड पार्किंग स्पेस और इंडिया का poor infrastructure
अब अगर इंडिया में कोई वियक्ति कार खरीदने की सोचता भी है तो पहले उसको कार रखने के लिए पार्किंग का इतजाम करना पड़ेगा। इंडिया में मोस्टली लोगो के पास घर में इतना फ्री स्पेस नहीं होता है की वे कार को पार्क कर सके। और अगर घर से बाहर पार्क किया तो गाड़ी चोरी होने का डर। इसके अलावा इंडिया में अभी तक सड़को का infrastructure इतना develop नहीं हुआ है जितना की अन्य develop देशो में है। इंडिया के ज़्यदातर Metro city में हाई ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है इसलिए ज़्यदातर लोग फॉर व्हीलर की जगह 2 व्हीलर से जाना पसंद करते है।
affordable public transportation सिस्टम
इंडिया में public transportation काफी सस्ता है। यह भी एक बड़ा reasion है इंडिया में low car ownership rate होने का लेकिन इसको हमें एक positive way में देखना चाहिए । इंडिया में आपको हर जगह public transportation की सुविधा मिल जाती है। public transportation में बस, ट्रैन और मेट्रो जैसी सुविदा हर सिटी में available है और लोकल सिटी के लिए ऑटो रिक्शा थ्री व्हीलर आपको हर जगह मिल जाते हैं। टैक्सी सर्विस में ओला कैब रेपिडो जैसे स्टार्टअप भी काफी अच्छा काम कर रहे हैं। affordable public transportation सिस्टम की वजह से भी ज़्यदातर लोगो को एक फॉर व्हीलर खरीदने की आवश्यकता ही नहीं होती है।
वंही usa की बात करे जहा कार ओवरशिप रेट काफी हाई है। तो अमेरिका में आपको public transportation ना के बराबर देखने को मिलेगा। इसलिए भी वहां के लोगो की मजबूरी हो जाती है एक कार को खरीदना।
Conclusion :
तो इंडिया में कार ownership rate कम होने का सबसे बड़ा कारण गाड़ियां की ज़्यदा कीमते है जो की हाई टैक्स की वजह से है। मेरा मानना है ये है की सरकार को गाड़ियों पर टैक्स रेट को कम करना चाहिए ताकि कम से कम इंडिया में हर आदमी के पास ना सही लेकिन हर घर में एक कार होनी चाहिए क्यूंकि public transportation इंडिया में सस्ता तो है लेकिन सुविधाएं ज़्यदा अच्छी नहीं है। public transportation मतलब धक्के को खाने पडिंगे।
आपके इस टॉपिक पर क्या विचार है और क्या आप इंडिया के उन 8% लोगो में आते है जिनके पास अपनी कार है नीचे कँनेट बॉक्स में जरूर लिखे।
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